Nadi Dosh in Kundli – नाड़ी दोष क्या है

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nadi dosh in kundli
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Introduction – परिचय

Nadi Dosh in Kundli कुंडली में नाड़ी दोष

Nadi Dosh in Kundli वैदिक ज्योतिष में कुंडली मिलान के दौरान देखे जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। यह दो व्यक्तियों के बीच विवाहिक अनुकूलता तय करने में अहम भूमिका निभाता है। यदि इस दोष को अनदेखा किया जाए, तो यह वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ, भावनात्मक जुड़ाव की कमी, और संतान प्राप्ति में बाधा।

Wiki Bio

🔷 विवरण🔶 जानकारी
नामनाड़ी दोष (Nadi Dosh)
श्रेणीवैदिक ज्योतिष, गुण मिलान
संबंधित प्रणालीकुंडली मिलान (Guna Milan)
नाड़ी के प्रकार1. आदि नाड़ी (Vata) 2. मध्य नाड़ी (Pitta) 3. अंत्य नाड़ी (Kapha)
दोष कब होता है?जब वर और वधू की नाड़ी एक जैसी हो
प्रभावसंतान सुख में बाधा, वैवाहिक कलह, मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्या
कुल गुण36 में से 8 गुण नाड़ी से जुड़े होते हैं
यदि दोष हो तो गुण0 (शून्य)
उपायरुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, नाड़ी दोष निवारण पूजा, गुरु की सलाह
क्या विवाह संभव है?हाँ, यदि अन्य गुण मिलते हों या उपाय किए जाएं
विशेष सलाहनिर्णय से पहले अनुभवी ज्योतिषाचार्य से कुंडली विश्लेषण जरूरी

What is Nadi Dosh in Kundli? – नाड़ी दोष क्या होता है?

nadi dosh in kundli

कुंडली में नाड़ी दोष तब उत्पन्न होता है जब विवाह के लिए मिलान किए गए दो व्यक्तियों की नाड़ी एक जैसी होती है। वैदिक ज्योतिष में नाड़ी का अर्थ होता है ऊर्जा प्रवाह या प्रकृति, जो व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक बनावट को दर्शाता है। नाड़ी तीन प्रकार की होती है:

  • आदि नाड़ी
  • मध्य नाड़ी
  • अंत्य नाड़ी

जब दो लोगों की नाड़ी एक ही प्रकार की होती है, तो यह माना जाता है कि उनकी शारीरिक प्रकृति एक जैसी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह समानता संतानोत्पत्ति में अनुवांशिक समस्याओं को जन्म दे सकती है और विवाहिक जीवन में भी तनाव ला सकती है। इसलिए, नाड़ी दोष को कुंडली मिलान के अष्टकूट मिलान में अत्यंत महत्वपूर्ण दोष माना गया है।

Why is Nadi Dosh in Kundli Considered Inauspicious? नाड़ी दोष को अशुभ क्यों माना जाता है?

वैदिक ज्योतिष में नाड़ी दोष को कुंडली मिलान के समय सबसे गंभीर दोषों में से एक माना गया है, क्योंकि यह पति-पत्नी के बीच शारीरिक, मानसिक और अनुवांशिक सामंजस्य को प्रभावित कर सकता है। नाड़ी दोष को अशुभ मानने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  • संतान की सेहत पर असर – एक जैसी नाड़ी होने पर यह माना जाता है कि दोनों व्यक्तियों की ऊर्जा और शरीर की प्रकृति समान होती है, जिससे अनुवांशिक विकार या कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली संतान हो सकती है।
  • वैवाहिक कलह – नाड़ी दोष के कारण दंपती के बीच भावनात्मक दूरी बढ़ सकती है, जिससे आपसी तकरार, गलतफहमियाँ और असंतोष उत्पन्न होता है।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं – विवाह के बाद पति या पत्नी में से किसी एक को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • अनुकूलता में कमी – एक जैसी ऊर्जा होने से दोनों के बीच शारीरिक और मानसिक तालमेल में असंतुलन आ सकता है।

इसीलिए, जब नाड़ी दोष पाया जाए और अन्य गुण मिलान भी कमजोर हो, तो ज्योतिषी आमतौर पर ऐसे विवाह से बचने की सलाह देते हैं।

How is Nadi Dosh Calculated? नाड़ी दोष की गणना कैसे होती है?

नाड़ी दोष की गणना अष्टकूट मिलान प्रणाली के अंतर्गत की जाती है, जिसमें विवाह योग्य दो लोगों की कुंडलियों के 8 मुख्य गुणों (कूट) का मिलान किया जाता है। इन आठ कूटों में से नाड़ी कूट सबसे अधिक महत्व रखता है और इसे कुल eight अंक दिए जाते हैं (कुल 36 में से)।

नाड़ी के तीन प्रकार होते हैं:

  • आदि नाड़ी (वायु तत्व)
  • मध्य नाड़ी (अग्नि तत्व)
  • अंत्य नाड़ी (जल तत्व)

गणना की विधि:

  • यदि दोनों व्यक्ति समान नाड़ी से संबंधित हैं, तो इसे नाड़ी दोष माना जाता है और zero अंक दिए जाते हैं।
  • यदि दोनों की नाड़ी अलग-अलग हो, तो इसे शुभ माना जाता है और पूरा eight अंक प्राप्त होता है।

इस प्रकार, नाड़ी दोष होने पर 8 महत्वपूर्ण अंक घट जाते हैं, जिससे कुल गुण मिलान में भारी गिरावट आती है और विवाह योग्य जोड़े के बीच असंगति मानी जाती है। ज्योतिषाचार्य तब तक ऐसे विवाह की अनुशंसा नहीं करते जब तक कि कुंडली में कोई उपाय या अपवाद न हो।

Exceptions to Nadi Doshनाड़ी दोष के अपवाद

नाड़ी दोष के अपवाद

nadi dosh in kundli

हालाँकि कुंडली में नाड़ी दोष को एक गंभीर दोष माना जाता है, फिर भी वैदिक ज्योतिष में कुछ अपवाद (Nadi Dosh Nivaran) बताए गए हैं, जिनके अंतर्गत यह दोष अमान्य या निष्प्रभावी हो सकता है। किसी भी विवाह प्रस्ताव को नकारने से पहले इन अपवादों को समझना जरूरी है।

प्रमुख अपवाद:

  • समान नाड़ी, लेकिन भिन्न गोत्र:
  • यदि दोनों व्यक्तियों की नाड़ी एक जैसी हो, लेकिन गोत्र अलग हो, तो नाड़ी दोष को हानिकारक नहीं माना जाता।
  • शुभ ग्रहों की मजबूत स्थिति:
  • यदि गुरु (बृहस्पति) और शुक्र जैसे शुभ ग्रह कुंडली में सशक्त और शुभ स्थानों पर हों, तो वे नाड़ी दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
  • चंद्र कूट की अनुकूलता:
  • यदि चंद्र राशि मिलान बहुत अच्छा है, तो वह नाड़ी दोष की कमी को पूरा कर सकता है।
  • मंगल दोष न होना:
  • यदि दोनों व्यक्तियों की कुंडलियों में मंगल दोष नहीं है, तो कुछ ज्योतिषाचार्य नाड़ी दोष को नजरअंदाज कर सकते हैं।
  • समान नक्षत्र, अलग चरण:
  • यदि दोनों का जन्म नक्षत्र एक ही है लेकिन चरण (पाद) अलग हैं, तो नाड़ी दोष लागू नहीं माना जाता।
  • धार्मिक उपाय और पूजा:
  • नाड़ी दोष निवारण पूजा, दान, और भगवान शिव की आराधना जैसे उपायों से नाड़ी दोष के प्रभावों को कम किया जा सकता है।

Remedies for Nadi Dosh in Kundli कुंडली में नाड़ी दोष के उपाय

कुंडली में नाड़ी दोष के उपाय

यदि किसी जोड़े की कुंडली में नाड़ी दोष पाया जाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि विवाह संभव नहीं है। वैदिक ज्योतिष में नाड़ी दोष को कम करने या निरस्त करने के लिए कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं।

प्रमुख उपाय:

  • नाड़ी दोष निवारण पूजा:
  • यह एक विशेष वैदिक पूजा होती है जिसे अनुभवी पंडितों द्वारा किया जाता है। यह पूजा किसी तीर्थस्थल या घर में उचित विधि-विधान के साथ की जाती है।
  • भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा:
  • भगवान शिव और माता पार्वती को आदर्श दंपति माना गया है। उनकी पूजा से वैवाहिक जीवन में सौहार्द बढ़ता है और दोष दूर होते हैं।
  • दान करना:
  • सोमवार के दिन या शुभ मुहूर्त में ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र, गौदान, सोना या धन का दान करना अति फलदायक माना जाता है।
  • मंत्रों का जाप:
  • नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र, रुद्राभिषेक, और नाड़ी दोष निवारण मंत्रों का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा शांत होती है।
  • कुंभ विवाह / विष्णु विवाह:
  • कुछ विशेष मामलों में, जिस व्यक्ति की कुंडली में दोष होता है, उसकी भगवान विष्णु की मूर्ति या पीपल वृक्ष से प्रतीकात्मक विवाह कराया जाता है, जिससे दोष निरस्त हो सकता है।
  • अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श:
  • किसी भी उपाय को अपनाने से पहले योग्य और अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें, ताकि उपाय उचित और प्रभावी सिद्ध हो।

Can People with Nadi Dosh Marry? क्या नाड़ी दोष वाले विवाह कर सकते हैं?

क्या नाड़ी दोष वाले विवाह कर सकते हैं?

हाँ, जिन लोगों की कुंडली में नाड़ी दोष होता है, वे विवाह कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए सावधानीपूर्वक ज्योतिषीय विश्लेषण आवश्यक है। नाड़ी दोष पारंपरिक विवाह मिलान में एक महत्वपूर्ण विषय है, लेकिन यदि अपवाद और उचित उपाय किए जाएँ, तो यह विवाह सफल हो सकता है।

ध्यान देने योग्य मुख्य बातें:

  • कुंडली का पूरा मिलान करें:
  • केवल नाड़ी मिलान को ही नहीं, बल्कि अष्टकूट मिलान के सभी eight गुणों का विश्लेषण करना जरूरी है।
  • अपवाद लागू करें:
  • यदि नाड़ी दोष के अपवाद जैसे अलग गोत्र, चंद्र कूट की अनुकूलता आदि मौजूद हैं, तो विवाह संभव है।
  • उपाय जरूर करें:
  • यदि कोई अपवाद नहीं है, तो नाड़ी दोष निवारण पूजा, दान, और मंत्र जाप आदि उपाय विवाह से पहले अवश्य करें।
  • अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लें:
  • कोई भी निर्णय लेने से पहले कुशल और अनुभवी ज्योतिषाचार्य से मार्गदर्शन प्राप्त करें। वे दोष की गहराई, संभावित समाधान और विशेष उपाय बता सकते हैं।
  • सफल विवाह संभव हैं:
  • बहुत से ऐसे उदाहरण हैं जहाँ नाड़ी दोष होते हुए भी जोड़े सुखी वैवाहिक जीवन जी रहे हैं, खासकर जब उपाय समय पर किए गए हों।

Final Thoughts निष्कर्ष

Nadi Dosh in Kundli कुंडली में नाड़ी दोष वैदिक विवाह मिलान में एक महत्वपूर्ण पहलू माना जाता है। यह दोष स्वास्थ्य, संतान और वैवाहिक सामंजस्य से जुड़े संभावित समस्याओं से संबंधित होता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि यह हर स्थिति में विवाह के लिए बाधा है।

अगर सही तरीके से कुंडली का विश्लेषण, अपवादों का मूल्यांकन, और उचित उपाय किए जाएं, तो नाड़ी दोष के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। अनेक ऐसे उदाहरण हैं जहाँ नाड़ी दोष होते हुए भी सफल और सुखद वैवाहिक जीवन देखा गया है।

अतः केवल नाड़ी दोष देखकर डरना या किसी प्रस्ताव को तुरंत अस्वीकार करना उचित नहीं है। समझदारी से निर्णय लें, किसी अनुभवी ज्योतिषी से संपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त करें, और तभी आगे बढ़ें।

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